चिराग़ पासवान: बिहार की राजनीति का अगला पोस्टर बॉय या एक असफल नेता?
Summary
चिराग़ पासवान को बिहार की राजनीति का नया “Poster Boy” माना गया, जिन्होंने “Bihar First, Bihari First” नारे से युवाओं को आकर्षित किया।
रामविलास पासवान की गहरी राजनीतिक छवि और दलितों-गरीबों के नेता की पहचान को आगे बढ़ाना चिराग़ के लिए बड़ी चुनौती है।
ग्लैमर और आत्मविश्वास के बावजूद, चिराग़ पासवान अपने पिता की तरह प्रभावशाली नेता बन पाएंगे या नहीं, यह अभी भी अनिश्चित है।
बिहार की राजनीति (Bihar's Politics) में अगर किसी युवा चेहरे ने अचानक सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है, तो वो हैं चिराग़ पासवान (Chirag Paswan)। चेहरे पर स्टार जैसी चमक, भाषणों में आत्मविश्वास और पिता रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की विरासत का ताज, चिराग़ को देखने वालों को लगा कि बिहार को एक नया “पोस्टर बॉय” (Poster Boy) मिल गया है। वो न सिर्फ़ एक राजनीतिक पार्टी के नेता हैं, बल्कि सिनेमा की दुनिया से आए उस चेहरे की तरह भी दिखते हैं, जो राजनीति को मॉडर्न टच देना चाहता है। रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के निधन के बाद चिराग़ ने खुद को “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” के नारे के साथ एक नई सोच के प्रतीक के रूप में पेश किया। उन्होंने खुद को युवाओं की आवाज़ बताया और पुरानी राजनीति से अलग रास्ता चुनने की कोशिश की। उनकी स्टाइल, आत्मविश्वास और सोशल मीडिया पर मौजूदगी ने उन्हें बिहार के युवाओं में लोकप्रिय बना दिया।

