पुरानी दिल्ली दहल उठी - लाल किले के पास जोरदार धमाके से मची भगदड़, दो ऐतिहासिक मंदिरों के शीशे टूटे और पूरे इलाके में दहशत का माहौल
दिल्ली का चांदनी चौक (Chandni Chowk) हमेशा से सुर्खुयों में रहा है, इसका वजह चांदनी चौक का इतिहास, भीड़-भाड़ और धार्मिक स्थल है। लेकिन इस बार सुर्खियों में आने की वजह न उत्सव था, न कोई धार्मिक जुलूस था, बल्कि सुर्खियों में आने वजह एक ऐसा धमाका था जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। 10 नवंबर की शाम लाल किले के पास स्थित रेड लाइट पर हुए इस विस्फोट (Explosion) ने न सिर्फ इलाके में दहशत (Panic) फैला दी बल्कि पास के ऐतिहासिक मंदिरों (Temple) को भी नुकसान पहुंचाया। इस धमाके के बाद बहुत सारे सवाल उठने लगे, पहला सवाल यह था की क्या आतंकवादी का असली निशाना ये मंदिर तो नहीं थे ? क्योंकि जिस जगह पर कार में विस्फोट हुआ था, वह जैन दिगंबर लाल मंदिर और गौरी-शंकर मंदिर से कुछ ही मीटर की दूरी पर था। दोनों मंदिरों में उस समय अच्छी-खासी भीड़ मौजूद थी।
क्या है जैन दिगंबर लाल मंदिर इतिहास ?
दिल्ली के चांदनी चौक (Chandni Chowk) में स्थित जैन दिगंबर लाल मंदिर देश के सबसे पुराने जैन मंदिरों में से एक है। इसकी विशेषता है, इस मंदिर की भव्यता और लाल बलुआ पत्थर की नक्काशी इसे खास पहचान देती है। यह मंदिर (Temple) 17वीं शताब्दी में बना था, जब मुगल बादशाह शाहजहां ने जैन व्यापारियों को यहां जमीन दी थी। भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित यह मंदिर अपनी अनूठी विशेषता और यह मंदिर अपने पक्षी अस्पताल के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, यहां पर घायल और बीमार पक्षियों का इलाज जैन धर्म के अहिंसा सिद्धांत के अनुसार मुफ्त किया जाता है। इस मंदिर की भव्य वास्तुकला, शांत वातावरण और धार्मिक माहौल दिल्ली आने वाले पर्यटकों का भी प्रमुख आकर्षण बनाता है।

