प्रशांत किशोर, जिन्हें लोग ज्यादा तर पीके कह कर भी बुलाते हैं।
प्रशांत किशोर, जिन्हें लोग ज्यादा तर पीके कह कर भी बुलाते हैं।X

प्रशांत किशोर का सफर: राजनीति के नए आयाम से जन सुराज तक

भारतीय राजनीति में अक्सर ऐसा हुआ है कि ज्यादातर नेता ही सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो पर्दे के पीछे रहकर भी राजनीति का पूरा खेल बदल देते हैं। इन्हीं में से एक हैं प्रशांत किशोर, जिन्हें लोग ज्यादा तर पीके कह कर भी बुलाते हैं।
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  • प्रशांत किशोर का जन्म 20 मार्च 1977 को रोहतास जिले के कोनार गाँव में हुआ था।

  • बिहार में नीतीश कुमार के साथ उनका काम काफी चर्चा में रहा था, खासकर उस समय जब नीतीश ने भाजपा से अलग होकर महागठबंधन बनाया और चुनाव जीता।

  • लेकिन बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव मतगणना के शुरुआती घंटों तक चुनाव आयोग की वेबसाइट पर इस पार्टी का वोट प्रतिशत साफ दिखाई नहीं दिया।

जानिए कौन है प्रशांत किशोर ?

भारतीय राजनीति में अक्सर ऐसा हुआ है कि ज्यादातर नेता ही सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो पर्दे के पीछे रहकर भी राजनीति का पूरा खेल बदल देते हैं। इन्हीं में से एक हैं प्रशांत किशोर, जिन्हें लोग ज्यादा तर पीके कह कर भी बुलाते हैं। इनकी कहानी तो लग-भाग किसी फिल्म जैसी लगती है, बिहार के एक छोटे से गाँव में जन्म, फिर देश के लिए काम, और उसके बाद भारत की राजनीति में ऐसी पहचान बनाना कि बड़े-बड़े नेता भी उनकी सलाह पर चुनाव लड़ें थे। प्रशांत किशोर का जन्म 20 मार्च 1977 को रोहतास जिले के कोनार गाँव में हुआ था। उनके पिता डॉक्टर थे। राजनीति से उनका कोई खास रिश्ता नहीं था, लेकिन पढ़ाई और चीजों को समझने का उनका तरीका अलग था।

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